हिंदू शास्त्रों में मौजूद 25+ प्रमुख गीता-ग्रंथ: उत्पत्ति, संवादकर्ता और मुख्य विषय
हिंदू शास्त्रों में “गीता” वह दिव्य ज्ञान है जो भगवान और भक्त या गुरु और शिष्य के संवाद के रूप में प्रकट होता है। अधिकांश लोग केवल भगवद्गीता को जानते हैं, लेकिन शास्त्रों में ऐसी 25 से भी अधिक प्रमुख गीता मौजूद हैं—जिनमें शिव गीता, गुरु गीता, देवी गीता, उद्धव गीता, अष्टावक्र गीता जैसे अनेक दिव्य ग्रंथ शामिल हैं। नीचे दी गई HTML Table में इन सभी गीता-ग्रंथों की उत्पत्ति, संवादकर्ता और मुख्य विषय की पूरी जानकारी दी गई है।
| क्रम | गीता-ग्रंथ | उत्पत्ति / स्रोत | संवादकर्ता | मुख्य विषय |
|---|---|---|---|---|
| 1 | भगवद्गीता | महाभारत (भीष्म पर्व) | श्रीकृष्ण – अर्जुन | कर्मयोग, ज्ञानयोग, भक्ति, मोक्ष |
| 2 | अष्टावक्र गीता | उपदेश-ग्रंथ | अष्टावक्र – जनक | अद्वैत वेदांत, आत्मतत्त्व |
| 3 | उद्धव गीता | भागवत पुराण (स्कंध 11) | कृष्ण – उद्धव | भक्ति, वैराग्य, जीव–ब्रह्म संबंध |
| 4 | देवी गीता | देवीभागवत पुराण | देवी – हिमालय | शक्ति-तत्व, भक्ति, योग |
| 5 | शिव गीता | पद्म पुराण | शिव – राम | भक्ति, आत्मज्ञान |
| 6 | गुरु गीता | स्कन्द पुराण | शिव – पार्वती | गुरुतत्त्व, दीक्षा, साधना |
| 7 | अवधूत गीता | दत्तात्रेय साहित्य | दत्तात्रेय | अद्वैत वेदांत |
| 8 | राम गीता | अद्यात्म रामायण | राम – लक्ष्मण | भक्ति, धर्म, आत्मज्ञान |
| 9 | हंस गीता | भागवत पुराण | हंस अवतार – सनकादि | एकत्व, ध्यान, ब्रह्मज्ञान |
| 10 | रुद्र गीता | भागवत पुराण | रुद्र – देवगण | शिवतत्त्व, त्रिगुण, सृष्टि |
| 11 | गणेश गीता | गणेश पुराण (संवाद) | गणेश – भक्तगण | भक्ति, ज्ञानयोग |
| 12 | सनत्सुजातीय गीता | महाभारत | सनत्सुजात – धृतराष्ट्र | मृत्यु रहस्य, आत्मज्ञान |
| 13 | व्यास गीता | स्कन्द पुराण | व्यास – शुक | धर्म, भक्तियोग |
| 14 | यात्रा गीता | स्कन्द पुराण | देव–ऋषि संवाद | तीर्थ, जीवन मार्ग |
| 15 | गीता सार / उत्तर गीता | महाभारत पर आधारित | कृष्ण – अर्जुन | गीता सार, बुद्धियोग |
| 16 | ईश्वर गीता | शैव आगम | शिव – पार्वती | योग, भक्ति, ईश्वरीय तत्त्व |
| 17 | कपालमोचन गीता | स्कन्द पुराण | शिव – पार्वती | पाप-क्षालन, मोक्ष |
| 18 | वराह गीता | वराह पुराण | वराह – पृथ्वी | ध्यान, धर्म, दान |
| 19 | अध्यात्म गीता | महाभारत | कृष्ण – अर्जुन | ज्ञानकाण्ड, आत्मतत्त्व |
| 20 | उत्तर गीता (शिव–कुमार) | संवाद-ग्रंथ | शिव – कुमार | आत्मज्ञान, मानवधर्म |
| 21 | गोपाला गीता | पद्म पुराण | कृष्ण – गोपगण | प्रेमभक्ति, ध्यान |
| 22 | पशुपति गीता | संवाद ग्रंथ | शिव – देवियाँ | मोक्ष, भक्ति |
| 23 | दत्त गीता | दत्तात्रेय साहित्य | दत्तात्रेय – शिष्य | योग, अद्वैत |
| 24 | विराट गीता | संवाद परंपरा | गुरु – शिष्य | विराट रूप, सृष्टि |
| 25 | भीष्म गीता | महाभारत | भीष्म – युधिष्ठिर | राजधर्म, नीति |
| 26 | हनुमत गीता | संवाद ग्रंथ | हनुमान – भक्तगण | सेवा, भक्ति, व्रत |
| 27 | सूत गीता | पुराण परंपरा | सूतजी – ऋषिगण | धर्म, कल्याण |
FAQs: गीता-ग्रंथों से संबंधित सामान्य प्रश्न
1. कुल कितनी गीता हिंदू शास्त्रों में मिलती हैं?
परंपरागत रूप से 25 से अधिक गीता-ग्रंथ उपलब्ध हैं, जिनमें भगवद्गीता, शिव गीता, गुरु गीता, देवी गीता और उद्धव गीता प्रमुख हैं।
2. क्या सभी गीता महाभारत में हैं?
नहीं। केवल भगवद्गीता महाभारत का हिस्सा है। अन्य गीता पुराणों, उपनिषदों और आगमों में हैं।
3. सबसे प्राचीन गीता कौन सी मानी जाती है?
भगवद्गीता और हंस गीता सबसे प्राचीन और दार्शनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
4. क्या गीता-ग्रंथों में केवल भक्ति ही है?
नहीं। इन ग्रंथों में ज्ञान, योग, भक्ति, वेदांत, मोक्ष, धर्म, नीति और अद्वैत जैसे कई विषय हैं।
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