अक्षय तृतीया हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में, अक्षय तृतीया 10 मई को पड़ रहा है।
अक्षय तृतीया का महत्व:
अक्षय शब्द का अर्थ है "कभी न खत्म होने वाला"। इस दिन किए गए सभी पुण्य कार्य और दान अक्षय माने जाते हैं, अर्थात उनका फल अनंत काल तक प्राप्त होता है।
यह दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का जन्मदिन माना जाता है।
यह भगवान वेदव्यास जी का जन्मदिन भी है, जिन्होंने महाभारत ग्रंथ की रचना की थी।
इस दिन भगवान कृष्ण ने कर्ण को कुण्डल प्रदान किए थे।
यह दिन गंगा नदी के धरती पर अवतरण का दिन माना जाता है।
इस दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था।
अक्षय तृतीया के दिन किए जाने वाले कार्य:
इस दिन लोग स्नान, दान, पूजा-पाठ और व्रत रखते हैं।
सोना और चांदी खरीदना इस दिन शुभ माना जाता है।
इस दिन नए कार्यों की शुरुआत करना भी शुभ माना जाता है।
गायों को भोजन खिलाना और पक्षियों को दाना डालना भी इस दिन पुण्य का कार्य माना जाता है।
अक्षय तृतीया की कथा:
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार महाराज हरिश्चंद्र अपने राज्य को बचाने के लिए ऋषि विश्वामित्र को अपना दास बेच देते हैं। ऋषि विश्वामित्र महाराज हरिश्चंद्र को कई कठिन परीक्षाओं से गुजरने के लिए कहते हैं। एक परीक्षा में, ऋषि विश्वामित्र महाराज हरिश्चंद्र से अपने बेटे रोहिताश्व का बलिदान करने के लिए कहते हैं।
महाराज हरिश्चंद्र अपने बेटे का बलिदान देने के लिए तैयार हो जाते हैं, लेकिन तभी भगवान इंद्र प्रकट होते हैं और उन्हें रोकते हैं। भगवान इंद्र महाराज हरिश्चंद्र की सच्चाई और दृढ़ संकल्प से प्रसन्न होते हैं और उन्हें उनका राज्य और बेटा लौटा देते हैं।
इस घटना के बाद से, अक्षय तृतीया का दिन सत्य, धर्म और त्याग का प्रतीक बन गया।
निष्कर्ष:
अक्षय तृतीया हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो सत्य, धर्म, त्याग और पुण्य का प्रतीक है। इस दिन किए गए सभी कार्य अक्षय माने जाते हैं, अर्थात उनका फल अनंत काल तक प्राप्त होता है।
अक्षय तृतीया की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!
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