Wednesday, 5 September 2018

निरंजन वन में साधु अकेला खेलता है




निरंजन वन में साधु अकेला खेलता है।
निरंजन वन में जोगी अकेला खेलता है।। (टेक)

भख्खड़ ऊपर तपे निरंजन अंग भभूति लगाता है।
कपड़ा लत्ता कुछ नहीं पहने हरदम नंगा रहता है।।
निरंजन वन में...

भख्खड़ ऊपर गौ वीयाणी उसका दूध विलोता है।
मक्खन मक्खन साधु खाये छाछ जगत को पिलाता है।।
निरंजन वन में...

तन की कूंडी मन का सोटा, हरदम बगल में रखता है।
पाँच पच्चीसों मिलकर आवे, उसको घोंट पिलाता है।।
निरंजन वन में...

कागज की एक पुतली बनायी उसको नाच नचाता है।
आप ही नाचे आप ही गावे आप ही ताल मिलाता है।।
निरंजन वन में...

निर्गुण रोटी सबसे मोटी इसका भोग लगाता है।
कहत कबीर सुनो भाई साधो अमरापुर फिर जाता है।।
निरंजन वन में... 


Monday, 3 September 2018

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

कस्तूरीतिलकं ललाटपटले वक्षःस्थले कौस्तुभं

नासाग्रे नवमौक्तिकं करतले वेणुं करे कङ्कणम् ।

सर्वाङ्गे हरिचन्दनं सुललितं कण्ठे च मुक्तावलिं

 गोपस्त्री परिवेष्टितो विजयते गोपाल चूडामणिः ॥


कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई देनी है तो ऐसे दीजिये कि -

जिसने पैदा होते ही संसार को मोह लिया

अपने को बंधन से मुक्त कर नन्द के घर पहुँचे

नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की

जिसने अपने को मारने आए राक्षसो को भी मोक्ष दे दिया

पूतना जो जहर पिलाने आई थी उसको भी वात्सल्य दिया

उसका पूरा दूध पी गए और उसको परमधाम पहुंचा दिया

जिसने अपने साथियो को माखन खिलाया

जिसने अपनी बुद्धि विवेक बल से कालिया का मर्दन किया

जिसने गोचारण के लिए रो रो के पूरा नन्द गाँव हिला दिया

जिसने अपनी बंसी की तान पर सबको झूमा दिया

जिसने कंस जैसे निर्दयी पापी का वध किया

जिसने पांडवो की रक्षा की लाक्षाग्रह से

जिसने द्रोपदी का मान बचाया

जिसने अपने राजकुमार

भाई भतीजा सभी से रिश्ते  निभाए

जिसने सखा भाव निभाया

जिसने प्रेम भाव निभाया

जिसने प्राणियो को जीने की कला सिखाई 

जिसने गीता जैसा पावन ग्रन्थ कह डाला

जिसने रासलीला रचाई

जिसने हमें जीना सिखाया

जिसने हमें माधुर्य रस का आनंद दिया

जो हैं भक्तो का भगवान्

जो सुनते पुकार हैं जो जीवन का आधार है उन्ही करुणामयी ममतामयी  प्रभुत्व सरकार के जन्मोत्सव  जन्माष्टमी की कोटि कोटि  बधाई सभी बन्धुओं  को।